Sunday, January 29, 2017

सुन लो मेरे प्यारे बच्चो

सुन लो मेरे  प्यारे  बच्चो
तुम्हें  माँ  भारती  पुकारती ।

उपकार  है  उसके  कहीं  तुम  पर
शायद  इसीलिए  वो ललकारती ।

देख आज के इस इंसान  को
उसका जी घबराता है ।

सोचती है वो भी ये
ये कैसे  भारत के  भाग्य  विधाता  है।

देख अपनी बेटियों  कि  दुर्दशा
वो  तड़प  उठती  है ।

इस  भारत  को  बदलने  का
तुमसे  वो  निवेदन  करती है ।

क्या  कर्तव्य  नहीं  तुम्हारे  कोई
(उस धरा के प्रति ,  अपनी  इस  मां  के प्रति ,
जिसने  तुम्हें  सब  कुछ  दिया । )
सुन लो  मेरे  प्यारे  बच्चो
माँ  भारती पुकारती।

लेखक  विरेन्द्र भारती
        8561887634

Saturday, January 28, 2017

Patriotic song Children Children Children

Children Children Children,
India is our land,
It is your responsibility to protect.

Hand's up go ahead, let's move pace.
Always keep an eye on the target deposits,
Bartbhumi not want anyone's hand.

O those who move, those who walk o,
O noble families who,
Understand the responsibility you
Land in India our country, our land....


Written by Virendra Bharti
                8561887634

Wednesday, January 25, 2017

देशभक्ति गीत बच्चो बच्चो बच्चो

बच्चो बच्चो  बच्चो ,
ये भारत भूमि हमारी है,
इसकी रक्षा  करना  तुम्हारी जिम्मेदारी है ।

हाथ  उठाओ आगे बढो ,  कदम से  कदम मिलाके चलो ।
नजर लक्ष्य  पे रखो  सदा जमाएं ,
भारतभूमि  कभी किसी  के  हाथ  ना  आएं ।

ओ आगे बढ़ने वालो , ओ पैदल  चलने वालो,
ओ रईस  घरानों  वालों
तुम  समझो अपनी  जिम्मेदारी
भारत भूमि  हमारी   भारत  भूमि  हमारी ।।

Written by Virendra Bharti
                    8561887634

Tuesday, January 3, 2017

बाबुल की गलियाँ कविता

14/12/2016

देखी है यहां  मैने कलियों  की चहचहाहट,
देखी है यहां  मैने कलियों  की खटपटाहट ।

कितनी  नादान  होती है यहां  उनकी  जिंदगी,
शायद    यहीं  शान  होती  है  उनकी  जिंदगी ।

यहां  उनको  ना  कुछ  चिंता  होती  है,
यहां  उनको  ना  कुछ  डर     होता  है ।

देखा है  मैंने  उनको  यहां  खिलके  मुस्काते,
ऑसुओ को देखा ना कभी उनके चेहरे पे आते।

बस यहीं  खुलकर जीते  देखा  है  मैंने  उनको,
फिर कहां ये पल  मिलते  देखा है  मैंने  उनको।

बाबुल  की  गलियों  वाले  दिन  कितने  सुनहरे  होते  है,
याद आते है जीवन में हमेशा वो पल जो चिनहरे  होते है ।

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Written at maharani college
By mad writer virendra bharti
Contact :- 8561887634

गजल एक भारती