Tuesday, November 14, 2017

गजल एक भारती

गजल


हर रोज मरने के बाद ।
चंद रोज जिया तो क्या ।।

हर तरफ से ठुकरा देने के बाद ।
सबक ए जिंदगी लिया तो क्या ।।

राह अपनी वक्त निकल जाने के बाद ।
पकड़ी भी तो बचा क्या ।।

हुनर अपना दम निकल जाने के बाद ।
जमाने ने जाना तो क्या ।।

पूरी उम्र जमाने को लुटने के बाद ।
साथ ले गया तो क्या ।।

उम्र भर भविष्य को सोचने के बाद ।
कुछ ना मिला तो क्या ।।

लाखों दिलों को जीतने के बाद ।
भारती खाली गया तो क्या ।।

लेखक विरेन्द्र भारती
8561887634

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