Friday, April 28, 2017

पैगाम

पहुँच गये वो सारे पैगाम
जो तुने दिल से भेजे थें।
गौर से पढ़ा मैंने
तुने बुजदली से भेजे थें।
अरे प्यार किया है तो इतना डरती क्यों है
और डरती है तो मुझपे इतना मरती क्यों है
ग़र खुशी है मुझे
तु मुझे इतना चाहती है
दिन - रात मुझे हि गुनगुनाती है।
यह तो बता
तु आयेगी कब हमेशा के लिए
मेरी होने के वास्ते
फिर कभी लौट कर नहीं जाने के लिए।
लेखक विरेन्द्र भारती
मो. 8561887634

Monday, April 24, 2017

ख्वाब

आज रात फिर मैंने तुम्हारा ख्वाब देखा शीतल
मैनें ख्वाब मैं देखा
तुम मुझसे मिलने आयीं थीं,
बडी मन्नतों के बाद
शायद आखरी दफा
ये कहने की मैं अब फिर नहीं लौटुंगी
तुम्हारी होने के लिए
तुम मुझसे अकेले मैं बात करना चाहती थी।
हम वहाँ से एक सांत स्थान पर गए।
मै बहुत रो रहा था।
तुम भी बहुत दुःखी थी और घबराई हुई थी ।
मै सिर्फ तुम्हारे चेहरे को देख रहा था,
और तुमसे कह रहा था
तुम जा रही हो
मुझे फोन तो करोगी ना
कम से कम चार दफा
एक माह में
तुमने हाँ नही कहा
लेकिन 
ना भी तो नही कहा
मै रो रहा था 
तुम सामने खडी थी
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं तुम्हें जाने नहीं देना चाहता था
क्योंकी
मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता था
तुम भी दुखी थी
मैं भी दुखी था
अचानक नींद खुल आई
सपने के बारे मै सोचकर
बहुत दुःखी हुआ
कई बार चाहा तुझे फोन करना
लेकिन मै तुझे परेशानी मै नही डालना चाहता था
क्योंकी मेरा फोन देखकर शायद तुम परेशान हो जाती।
तुम्हारी बहुत याद आती है शीतल
लौट आओ ना
तुम्हारा सिर्फ तुम्हारा भारती

Wednesday, April 19, 2017

A Love Letter for Miss Sheetal

I am a mad boy for you.
I like you too much.
You are a diamond for me.
I have a great prosperity for you in my heart.
I never forget you in my life.
You are memorable for me.
I remember you every day for sometime.
You are my power.
I always remember your speech.
Your speech gives me a power.
I never thought that we will be apart in life.
Some time you were in stress.
You never understood me your good friend.
I think that fully you do not believe in me.
I forget my life after you.
Now i love you.
I will love you till my death.
I saw you tried to change yourself.
But fully you can not change you in your life.
I don't know what is my value for you.
But you are most valuable for me.
I was always very happy with you.
After your going, I become so sad.
I can't live happy without you,
As i was.
I don't know ,
where we will be in future.
I want, you always remember me in your life.
I never want, you forget me.
I think, one day i will get you
please come back in my life.
i miss u so much
writer virendra bharti
cont: 8561887634


Sunday, April 16, 2017

भारती की शायरी 0

VIJ => राह उनकी आसान होगी ,
           जिनके सपनों में जान होगी।
           आगे तो वहीं बढेंगे,
           जिनके हौसलों में उडान होगी।।

VIJ => हमारी जुदाई में वो हर पल आंसू गिराते है वो,
            फिर भी शुक्र है जब भी मिलते है नजर मिलाते है वो,
            चाहे उनकी आंखे हमसे मिलकर बहने लगे,
            फिर भी हमारी मुलाकात को इक अच्छा एहसास बताते है वो।

            जुदा वो हमसे होना नहीं चाहते।
            फिर भी जब भी जुदा होते है मुस्कुराते है वो।।

VIJ => उनसे जुदा होकर हम खुश रहे ये हो नहीं सकता,
            उनकी जुदाई में हम उन्हें भुलादे ये हो नहीं सकता।
            उनकी एक मुस्कुराहट के खातिर मिट सकते है हम,
            हमारी मुस्कुराहट के खातिर उनकी मुस्कुराहट मिटा दे ये हो नहीं सकता।।

VIJ => सात फेरो की सातो रश्में, तोड़ डाली उसने।
           सात जन्मों का साथ इक पल में तोड़ डाला उसने,
           दिल ये बात करके याद रोता है।
           कि इंसान सात फेरे क्यों लेता है।।

VIJ =>  जिसे कभी आपके बिना जीने की आदत ना हो,
             उसे लम्बी उम्र की दुआ मत देना।
             जिसे कभी रोने की आदत ना हो उसे जुदाई का दर्द मत देना।
            क्योंकि सारी दुनिया के लिए तुम एक इंसान हो।
            लेकिन एक इंसान के लिए तुम सारी दुनिया हो।।

VIJ => बढ़ने के सहारे गिरना ना सिखा हमने।
            किसी की गुस्ताखी को माफ करना ना सिखा हमने।
            वादा करके हम तोड़ते नहीं।
            गुस्ताखी करने वाले को हम छोड़ते नहीं।।

            शायर विरेन्द्र भारती
                    8561887634

Tuesday, April 11, 2017

गांधी

गांधी था या कबाड़ी (देवदूत ) था , 
सबसे बड़ा  खिलाड़ी  (यमदूत ) था ।
हिंसा  का दुराचारी  था,
अहिंसा  का पुजारी था।
भ्रष्टाचार  का विरोधी  था,
न जाने  कौनसी  घड़ी  में  जन्मा  था।
न  जाने  किस  योग  में  पनपा  था ।।
अत्याचार  के खिलाफ  था,
न  जाने  कैसे  सोचता  था  वो।
कैसे सोचा  उसने  इतना  अच्छा ।। 
कहीं  दिमाग  से  पैदल  तो  नहीं  था  वो।
कहीं  दिमाग  से  लंगडी  तो  न  खेली  उसने।
कैसा  खेल  खेला  उसने  अंग्रेजो  के  संग ।
कर  लिया  झमेला  उसने  अंग्रेजो  के  संग।
कर  लिया  पंगा  अंग्रेजो  से। और  छेड़ी  जंग  खिलाफ  अंग्रेजों  के ।
अंग्रेजों  ने  डाला  उसे  उठाकर  ससुराल  (कारागार ) में ।
वहां से  होकर  निकला  वो  निचंगा  अपने  दरबार  में ।
बाहर  आते  ही  उसने  फिर  कर  लिया  पंगा ।
नहीं  था  यह  उसके  लट्ठ  का  दंगा ।
सत्य  का  पुजारी था ,  असत्य  का  दुराचारी था ।
आचार  उसका  विचार  करने  योग्य  था।
क्योंकि  वह  सदाचारी  था।
खादी  से  रोका  उसने  देश  की  बर्बादी  को।
खादी  पहनना  सिखाया  देश  की  आबादी  को।।
प्यार  के  दो  बोलो  से  खिला  दिया  उसने  सुखे  दिलों  की  वादी  को।
प्यार  से  कर  दिया  पैसे  का  बड़ा  नुकसान ।
हराकर  अंग्रेजों  को  चला  गया  श्मशान ।
छोटी  सी  सोटी  हाथ  में  लिए  वह  बापू  की  मूरत  थी  अमिट।
जो  लगा  गई  छाप  स्याही  बिना  परमिट ।।
बदल  सकते  है  उनके  दर्शन  से  देश  के  हालात ।
बदल  गया  अंग्रेज़  तो  क्यों  नहीं  बदलेगा  भारत  का  बदमाश ।।

लेखक विरेन्द्र भारती 


Friday, April 7, 2017

प्यार में गहराई ...............

प्यार  में  गहराई  बहुत  है ।
नापने वाले ने आंसू गिराए बहुत है ।।
फिर भी नहीं भुल सकता वो प्यार को  (करना)।
जबकि  इसमें  तन्हाई  बहुत  है ।।
उससे  बिछुडे  हुए  उसे  वर्षो  हो  गए ।
फिर  भी  उसे  हर  रोज  उसकी  याद  सताती  बहुत  है ।।
उसकी  जुदाई  के  गम  ने  उसे  पागल  बना  दिया ।
जिसकी  कभी  रोने  की  आदत  नहीं  थी ।
उसे  हर  रोज  रूला  दिया।।
उसकी  चाह ने  उसको  इतना  रूला  दिया ।
बढ़ना  भुला  दिया  हँसना  भुला  दिया।
हर  पल  रूला  दिया ।।
        लेखक विरेन्द्र भारती
                8561887634

Tuesday, April 4, 2017

सपना

तुम तो  रूठ  सकती  हो।
लेकिन  मैं  नहीं  रूठ  सकता  ना।।

जिस  दिन  मैं  रूठा ।
उस  दिन  तेरे मेरे  बिच ।
सबकुछ  खत्म  हो  जाएगा ।।

और  मैं  ऐसा  नहीं  चाहता ।

क्योंकि  मैंने  जिंदगी  सिर्फ ।
तेरे साथ बिताने के सपने देंखे  है ।।
I miss u pgl 




गजल एक भारती