प्यार में गहराई बहुत है ।
नापने वाले ने आंसू गिराए बहुत है ।।फिर भी नहीं भुल सकता वो प्यार को (करना)।
जबकि इसमें तन्हाई बहुत है ।।
उससे बिछुडे हुए उसे वर्षो हो गए ।
फिर भी उसे हर रोज उसकी याद सताती बहुत है ।।
उसकी जुदाई के गम ने उसे पागल बना दिया ।
जिसकी कभी रोने की आदत नहीं थी ।
उसे हर रोज रूला दिया।।
उसकी चाह ने उसको इतना रूला दिया ।
बढ़ना भुला दिया हँसना भुला दिया।
हर पल रूला दिया ।।
लेखक विरेन्द्र भारती
8561887634
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