कोई चाहत में हँसता गया ।
तो कोई चाहत में रोता गया।।
अजीब दर्द था चाहत में ।
अजीब खुशी थी चाहत में ।।
जो हर कोई महसूस करता गया।।
कोई बढ़ता गया ।
तो कोई टूटता गया।।
हर कोई इसमें झूलता गया।।
कोई संभलता गया ।
तो कोई बिखरता गया ।।
हर कोई वक्त से सिखाता गया।
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