Virendra bharti
कुछ लोगों की तो किस्मत भी उनका साथ नहीं देती । जैसे मेरी।
Wednesday, May 3, 2017
रात
हम रात बगीयन में डोले
बनके हमजोली
कुछ वो मुझसे बोला
कुछ मैं उससे बोली
उस रात नें
खुशियन में ऐसी भंग घोली
बिन रंगो के
खेली मैंने पियवर संग होली
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